आज भारत में #MeToo कैंपेन के जरिये महिलाएं अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न पर खुलकर बोल रही हैं। इस कैंपेन में कई बड़ी-बड़ी हस्तियों पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं जिसने भारत के बुद्धिजीवियों में हलचल मचा दी है। AIB के पूर्व सदस्य उत्सव चक्रवर्ती पर महिमा कुकरेजा ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये इसके बाद एक एक करके सभी महिलाएं खुलकर सामने आने लगी हैं। इस कैंपेन में नाना पाटेकर, विकास बहल, आलोक नाथ, रजत कपूर, कैलाश खेर जैसे बड़े नाम सामने आये जिसने आम जनता को चौंका कर रख दिया है। इन खुलासों पर स्वरा भास्कर और अन्य लेफ्ट-लिबरल गैंग के सदस्य चुप हैं और कुछ भी बोलने से बचते रहे। अब एक नए मामले में इंडस्ट्री के मशहूर लेखक व कॉमेडियन और मोदी सरकार के बड़े आलोचकों में से एक वरुण ग्रोवर पर उनके ही कॉलेज में रही एक जूनियर ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इन आरोपों का विवरण ये रहा:
Varun Grover. Man. Why. #metoo #believeher #timesup pic.twitter.com/ZSczpo4PMJ
— hk {on a hiatus} (@PedestrianPoet) October 9, 2018
इसके तुरंत बाद वरुण ग्रोवर ने पोस्ट करते हुए इन आरोपों को झूठा करार दिया और कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। यही नहीं उन्होंने इस मामले में क़ानूनी कार्रवाई करने तक के संकेत दे दिए हैं।
बॉलीवुड का एलीट वर्ग जो अभी तक इन मामलों पर चुप्पी साधे हुए था अब अचानक से जाग उठा है और वरुण के समर्थन में खुलकर आवाज उठा रहा है।
हालांकि, एक ट्वीट इनमें से एक लिबरल्स की चहेती स्वरा भास्कर ने भी किया है।
It is imperative that anonymous accounts be discouraged. Brave women are sharing their names and stories, enabling other women to speak up. We need thorough, investigative journalism that questions both alleged perpetrators & victims & corroborates stories & fact finds. #MeToo https://t.co/qxE20Ym0vG
— Swara Bhasker (@ReallySwara) October 9, 2018
हमेशा की तरह इस ट्वीट से स्वरा का ढोंग सामने आया जो अन्य मामलों से अनजान बनने की कोशिश करती रही उन्हें इस मामले के बारे में खुलकर बोलने में कोई हिचक नहीं हुई।
ऐसे में स्वरा के तर्कों को देखें तो गुरमीत राम रहीम भी निर्दोष हैं क्योंकि उनके घिनौने कृत्य का खुलासा दो महिलाओं ने एक के जरिये किया था जिसमें उन्होंने अपने नाम का उल्लेख नहीं किया था। चूंकि पीड़िता गुमनाम है इसका मतलब ये नहीं है कि गुरमीत राम रहीम द्वारा किये गये अपराध कम हो जातें हैं ।
जब एक पीड़िता खुलकर सामने आने से हिचक रही है या किन्हीं कारणों से सामने नहीं आना चाहती इसका मतलब ये नहीं है कि किसी आरोपी पर लगे आरोप कम हो जातें। आरोपों में सच्चाई है या नहीं ये तय करना कानून का काम है। जब अन्य मामलों पर स्वरा भास्कर चुप रहीं तो इस मामले में वरुण ग्रोवर का बचाव करने के लिए सामने क्यों आयीं? क्या ये उनके ढोंग को नहीं दर्शाता है?
उल्लेखनीय संपादक सह लेखक, अपूर्व असरानी ने स्वरा के इस दृष्टिकोण को गलत ठहराते हुए अपनी राय रखी।
I disagree @ReallySwara. There are some vindictive men out there and anonymity gives many the courage to call them out publicly. But those that make accusations MUST be open to an investigation by the authorities. No one should be vilified on the basis of one anonymous message. https://t.co/uFo3xUZjRZ
— Apurva Asrani (@Apurvasrani) October 9, 2018
इसके बाद भी स्वरा रुकी नहीं बल्कि एक और ट्वीट करके हमेशा की तरह अपने अगले ट्वीट से असरानी को जवाब दिया और इससे उनके ढोंग का एक बार फिर से खुलासा हुआ।
How will they investigate Apurva if accusers remain annonymous? I get the the fear & struggle to identify 1self as a victim, but isn’t this whole moment also abt overcoming r fears & trauma & becoming stronger together? How can we hold perpetrators accountable based on anonymity? https://t.co/pCQeUGFpfm
— Swara Bhasker (@ReallySwara) October 9, 2018
स्वरा का ये ट्वीट वामपंथी गैंग के ढोंग को दर्शाता है जो अब इनके लिए आम बात हो गयी है। उनके मुताबिक किसी को भी किसी गुमनाम द्वारा लगाये गये आरोप के आधार आरोपी नहीं ठहरा सकते हैं और न ही वो आरोप विश्वसनीय रह जाता है। इस तर्क के हिसाब से तो TVF सीईओ अरुणाभ कुमार के खिलाफ एक गुमनाम लड़की द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोप भी झूठे होंगे? जबकि स्वरा ने इस मामले में अरुणाभ कुमार को बिना किसी सबूत या तथ्यों के ही दोषी ठहरा दिया था। आज ठीक कुछ ऐसे ही मामले में वरुण ग्रोवर फंसे हैं तो उन्होंने वरुण का बचाव किया सिर्फ इसलिए क्योंकि वो उनके लेफ्ट लिबरल्स की गैंग से हैं? ये उनके दोहरे रुख को दर्शाता है।
महिमा कुकरेजा और सुज़ैट जॉर्डन की तरह सभी महिलाएं साहसी नहीं होती हैं जो अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ खुलकर बोलेन। इन मामलों में पीड़िता अपनी पहचान छुपाकर अगर अपनी आपबीती बयां कर रही हैं ऐसे में स्वरा भास्कर उनकी हिम्मत बढ़ाने की जगह उल्टा आरोपी का समर्थन कर रही हैं।
वैसे #MeToo कैंपेन के परिणाम जो भी हो लेकिन इससे एक चीज बहुत अच्छी हुई है वो ये कि स्वरा भास्कर जैसे लोगों का असली चेहरा बाहर आ गया है।
Get real time updates about our posts directly on your device
Discussion about this post