ऐसा लगता है कि दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं या फिर उनके शासन में पीड़ित लोगों के कोप का वो शिकार बन रहे हैं। एक बार फिर से उनपर हमला हुआ है और ये हमला चिली पाउडर से किया गया है। दरअसल, दिल्ली सचिवालय में केजरीवाल पर चिली पाउडर फेंका गया है। खबरों की मानें तो ये पाउडर उनकी आँखों में भी पड़ा है। इस दौरान धक्का-मुक्की के बीच केजरीवाल का चश्मा भी टूट गया है। हालांकि, वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने मिर्ची पावडर फेंकने वाले को गिरफ्तार कर लिया है। इस अज्ञात शख्स का नाम अनिल शर्मा है और ये अनिल नारायणा दिल्ली के रहने वाले हैं। आम आदमी पार्टी ने हमेशा की तरह ही इस बार भी सी हमले के पीछे बीजेपी का हाथ बताया है।
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, सचिवालय में मुख्यमंत्री चेंबर के ठीक बार किसी अज्ञात शख्स ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर मिर्ची पाउडर डाला जो केजरीवाल की आंखों में भी पड़ा है। वो यहां एक बैठक से आये थे और अपने चैंबर में जा रहे थे। जिस अज्ञात युवक ने मिर्ची पाउडर डाला वो चैंबर के बाहर खड़ा था जैसे ही केजरीवाल चैंबर के पास पहुंचे अज्ञात शख्स ने उनपर माचिस की डिबिया में भरी मिर्ची पाउडर को फेंक दिया। हालांकि, यहां सवाल ये उठता है कि केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी? कैसे एक अज्ञात शख्स मिर्च से भरा माचिस का डिब्बा लेकर दिल्ली के सीएम तक पहुंच गया ? सचिवालय में सीएम की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध हैं ऐसे में कैसे एक अज्ञात शख्स सुरक्षा में सेंध मारने में कामयाब हो गया? कहीं जनता की सहानुभूति प्राप्त करने के लिए तो केजरीवाल ने ये हमला नहीं करवाया ? कहीं ये आम आदमी पार्टी की सोची समझी चाल तो नहीं है ? और अगर ऐसा नहीं है तो वास्तव में केजरीवाल आम जनता के गुस्से का शिकार हुए हैं।
वैसे ये पहली बार नहीं है जब दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल को विरोध का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी उन्हें कई बार इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ा है। साल 2016 में जब वो अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के एक स्थानीय नेता की शोक सभा में शामिल होने गए थे तब उनपर एक शख्स ने उनपर स्याही फेंकी थी।
इसके बाद दिल्ली में शुरू हुए ऑड-ईवन नियम की सफलता को लेकर छत्रसाल स्टेडियम में बधाई कार्यक्रम के दौरान एक महिला ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर स्याही फेंकी थी। इसके अलाव साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब केजरीवाल वाराणसी में रैली कर रहे थे तब उनकी गाड़ी पर अंडे फेंके गए थे।
ऐसे कई मामले जहां केजरीवाल को विरोध का सामना करना पड़ा है। आम जनता की पार्टी के नाम पर राजनीति में कदम रखने वाले अरविन्द केजरीवाल की रणनीतियों से दिल्ली की जनता खुश नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गये आंदोलन के जरिये सत्ता में आने वाले केजरीवाल का विरोध अब सचिवालय तक पहुंच गया है। इससे स्पष्ट है कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में अपनी पार्टी की पकड़ को मजबूत बनाने का सपना देख रहे अरविदं केजरीवाल के लिए आगामी चुनावों की राह काफी कठिन होने वाली है। हालांकि, इस सच को हमेशा ही केजरीवाल और उनकी पार्टी झूठलाती रही है और इन विरोधों का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ती ही है।
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