राम की नगरी अयोध्या में आरएसएस और विहिप राम मंदिर के समर्थन में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसके लिए शुभ मुहूर्त 25 नवंबर की तारीख को चुना गया है। शिवसेना भी इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही है। इस कार्यक्रम में देश भर से 3 लाख से ज्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है। ऐसे में राम नगरी में ‘जय श्री राम’ नारों की गूंज लगातार तेज होती जा रही है।
बड़ी संख्या में आरएसएस, शिवसैनिकों और संतों के अयोध्या में आने की घोषणा हो चुकी है। दो दिन पहले महाराष्ट्र के ठाणे से रवाना हुआ शिवसैनिकों का पहला जत्था भी देर रात अयोध्या पहुंच चुका है। जानकारी के मुताबिक अब तक महाराष्ट्र से करीब 15,000 लोग अलग-अलग तरीकों से अयोध्या पहुंचे हैं। स्थिति पर नजर रखने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई जगहों पर पीएसी तैनात की गई है। स्थानीय पुलिस हर संवेदनशील जगह पर नजर बनाए हुए हैं।
वहीं दूसरी ओर स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या की स्थिति पर नजर रखने के लिए 4 आईपीएस अधिकारियों को लखनऊ से अयोध्या भेज दिया है। ये अधिकारी यहां के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर कानून-व्यवस्था पर पैनी नज़र रखेंगे।
25 नवंबर को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की धर्म सभा है। लाखों की तादात में राम भक्तों के अयोध्या में मौजूद रहेंगे। कहा जा रहा है कि 25 नवंबर के इस धर्म संसद में आरएसएस और शिवसैनिक भी शामिल होंगे। शहर में बढ़ती सक्रियता को लेकर शहर में तनाव का माहौल है। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने का दावा किया है। अयोध्या और फैजाबाद में धारा 144 तक लागू कर दी गई है।
सिर्फ आरएसएस और शिवसैनिक मात्र ही नहीं बल्कि साधु संतों का जमावड़ा भी अयोध्या में बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर साधु भी एक सुर से राम मंदिर निर्माण की वकालत करते हुए राम नगरी में पहुंच रहे हैं। दरअसल, राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी को देखते हुए अध्यादेश लाने की मांग तेज हो गयी है। अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण की मांग तेज हो गई है। इस कार्यक्रम से अध्यादेश की मांग को और मजबूती मिलेगी।
महाराष्ट्र के नासिक और पुणे इलाके से शिव सैनिकों को लाने के लिए विशेष रूप से ट्रेनों का इंतजाम किया गया। शिवसेना ने महाराष्ट्र से पूरी की पूरी ट्रेन ही बुक करके अयोध्या के लिए रवाना कर दिया था। पहली ट्रेन देर रात पहुंची तो दूसरी आज सुबह। सैकड़ों की संख्या में शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का अयोध्या में जमावड़ा हो रहा है।
ऐसा ही कुछ 1992 में भी हुआ था तब भारी संख्या में कारसेवक इकट्ठा हुए थे। इसी बात को ध्यान में रखकर कोई अनहोनी न हो इसके लिए योगी सरकार ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतेजाम भी किये हैं। राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन और अयोध्या पुलिस स्टेशन की पुलिस रेलवे स्टेशन पर डेरा डाले हुए हैं। साथ ही पूरी स्थिति पर ड्रोन कैमरा से और सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करें।
कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। अयोध्या में धारा 144 लगाई जा चुकी है। आज अयोध्या में स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। शहर के करीब 50 स्कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं। कानून व्यवस्था को बनाए रखने की योगी सरकार की प्रतिबद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रशासन ने अयोध्या में एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियों समेत करीब 70 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात की गई हैं। इसके अलावा, एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं।
इन सबके अलावा आज सभी की निगाहें अयोध्या पर टिकी हैं राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप, शिव सेना और आरएसएस तीनों ही धर्मसभा के कार्यकर्म के अयोध्या पहुंच रहे हैं। जिस तरह के हालात बन रहे हैं उससे यही लगता है कि वो दिन बहुत जल्द आने वाला है जिस दिन राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा।
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